लखनऊ डीएम ने RTO ऑफिस में मारा छापा, कागज-बस्ता छोड़ भागे दलाल, अफसरों की लगी क्लास
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रशासन ने एक बार फिर अपनी सख्ती दिखाई। जिलाधिकारी (DM) ने आरटीओ (RTO) ऑफिस में अचानक छापा मारा, जिससे वहां हड़कंप मच गया। इस छापेमारी के दौरान दलालों ने कागज-बस्ता छोड़कर भागना शुरू कर दिया, और अफसरों की जमकर क्लास भी लगी। यह घटना मंगलवार सुबह की है, जब जिलाधिकारी ने बिना किसी पूर्व सूचना के आरटीओ ऑफिस पर कार्रवाई की।
क्यों मारा गया छापा?
लखनऊ में आरटीओ ऑफिस से जुड़ी कई शिकायतें प्राप्त हो रही थीं, जिनमें यह आरोप था कि आरटीओ ऑफिस में दलालों द्वारा ट्रैफिक और लाइसेंस से संबंधित कार्यों में धांधली की जा रही थी। दलालों द्वारा अधिकारियों के साथ मिलकर रिश्वत लेने और काम को जल्दी करने के नाम पर लोगों से पैसे वसूले जा रहे थे। ऐसे में जिलाधिकारी ने प्रशासनिक कार्यवाही की और बिना सूचना के छापा मारा।
क्या हुआ छापेमारी के दौरान?
जब डीएम और उनकी टीम ने आरटीओ ऑफिस पर छापा मारा, तो वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया। जैसे ही अधिकारियों ने छापा मारा, दलालों ने अपने कागज और दस्तावेज छोड़कर तुरंत ऑफिस से बाहर भागना शुरू कर दिया। इस दौरान, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और फाइलें कार्यालय में बिना देखरेख के पड़ी मिलीं। यह इस बात का संकेत था कि यहाँ पर लंबे समय से गैरकानूनी गतिविधियां हो रही थीं।
छापेमारी के दौरान, अधिकारियों ने मौके पर ही उन कर्मचारियों से पूछताछ की जो अपनी ड्यूटी में लापरवाह पाए गए। इससे न सिर्फ अधिकारियों में हड़कंप मच गया, बल्कि जिलाधिकारी ने कुछ अधिकारियों की कड़ी फटकार भी लगाई। डीएम ने कड़े शब्दों में कहा कि इस प्रकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
क्या बोले जिलाधिकारी?
डीएम ने कहा, "यह कार्रवाई जनता के भले के लिए की गई है। कोई भी कर्मचारी या दलाल अगर भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाएगा, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। हम किसी भी हालत में लापरवाही और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन की यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी, ताकि लोगों को सही सेवाएं मिल सकें और अवैध कामों की कोई गुंजाइश न रहे।
क्या थी दलालों की भूमिका?
आरटीओ ऑफिस में दलालों की मुख्य भूमिका लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन और अन्य ट्रैफिक से जुड़ी सेवाओं को लेकर रिश्वत वसूलने की थी। ये दलाल लोगों से मोटी रकम लेकर उनके कामों को तेजी से निपटाने का वादा करते थे। इसके बदले में उन्हें अफसरों से सेटिंग करवाने और फाइलों को जल्दी पास करवाने का भरोसा दिलाते थे। यह पूरा खेल लंबे समय से चल रहा था, और प्रशासन ने इस पर कड़ी नजर रखते हुए छापेमारी की।
क्या होंगे आगे के कदम?
इस छापेमारी के बाद प्रशासन ने आरटीओ ऑफिस में सुधार की दिशा में कई बड़े कदम उठाने का मन बनाया है। लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी और कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे जनता के साथ बेहतर व्यवहार करें और किसी प्रकार के भ्रष्टाचार से बचें। इसके अलावा, डिजिटल व्यवस्था को बढ़ावा देने और जनता की सुविधा के लिए एक ऑनलाइन सिस्टम को लागू करने की योजना बनाई जा रही है।
निष्कर्ष:
लखनऊ डीएम की इस सख्त कार्रवाई ने साबित कर दिया कि प्रशासन अब भ्रष्टाचार और लापरवाही को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। इस कार्रवाई के बाद आरटीओ ऑफिस के कर्मचारियों और दलालों में हड़कंप मच गया है, और यह संदेश भी गया है कि अब कोई भी किसी भी प्रकार की धांधली नहीं कर पाएगा। अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन इस तरह की छापेमारी को नियमित रूप से जारी रखेगा या नहीं।
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